Wednesday, November 12, 2008

दिवाली

हर चेहरे पे खुशियाँ हो
और जीवन मे हरियाली हो
शहर गाँव सब विकसित हो
घर - घर मे खुशहाली हो
यही पार्थना प्रभु से मेरी
मंगलदीप दिवाली हो

कोई दुखी मन धरा पे हो ना
चमके धरा का कोनाकोना
फ़ोड पटाखे खुशियाँ मनायें
खील बताशे जमकर खाये
पकवान भरी हर थाली हो
यही पार्थना प्रभु से मेरी
मंगलदीप दिवाली हो

गणेश लक्ष्मी की महिमा हो
हर जन की अपनी गरिमा हो
धन सम्प्दा घर आये अपार
खुशियों से भर जाये संसार
रजत बने धरती का कण-कण
ना कोई कोना खाली हो
यही पार्थना प्रभु से मेरी
मंगलदीप दिवाली हो

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